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ब्रह्माकुमारी मातेश्वरी जगदम्बा का दिव्य स्मृति दिवस ‘”मम्मा डे ” के रूप मे मनाया गया |

जावरा (म . प्र.) जैसा कि शास्त्रों में लिखा है ,मातेश्वरी जगदम्बा को संसार,आदि देवी अथवा ईव के रूप में याद करता है। वेदों में जगदम्बा सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है। साथ ही सरस्वती, प्रजापिता ब्रह्मा की पुत्री भी हैं और जगत अम्बा भी ,जिनके द्वारा परमात्मा, हरेक की इच्छाओं को पूरा करता है। इसी कारण जगदम्बा की पूजा होती है। संसार मातेश्वरी जगदम्बा को मम्मा के नाम से जानता है,मम्मा का प्यार, दुलार, व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली था,कि वह परमात्मा शिव की शिक्षाओं को पुरे विश्व मे प्रत्यक्ष करने में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रथम मुख्य प्रसासिका बनी । मम्मा का लौकिक जन्म 1920 में एक मध्यम वर्गीय परिवार में माता रोचा व पिता पोकरदास के घर, अमृतसर, पंजाब में हुआ था। 28 वर्ष के निरंतर ज्ञान मंथन व तीव्र पुरुषार्थ के बाद, 24 जून 1965 में मम्मा ने विश्व परिवर्तन के महान कार्य को पूर्ण कर संपूर्णता को प्राप्त किया l ब्राह्मण परिवार में आज भी प्रेरणा के लिए मम्मा का जीवन, उनके गुण, वचन व कर्म याद किये जाते हैं। उक्त जानकारी प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी सेवा केंद्र जावरा की संचालिका बी. के.सावित्री दीदी जी ने दी l इस अवसर पर सभी उपस्थित अथिति श्री गोपाल जी मेडतवाल (एडवोकेट), श्री संतोष जी मेडतवाल (एडवोकेट), मंजू बहन भाटी( पुलिस आरक्षक ) केसरीमल जी कासोट, मोहनलाल जी नागर के साथ उपस्थिति सभी भाई बहनों ने पुष्पांजलि अर्पित कर मातेश्वरी जी को याद किया l उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त ब्रह्माकुमारी शिवकन्या दीदी ने किया

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